श्रीमती अंचल जैन 'मिरेकल', प्रसिद्ध वास्तुविद डॉ. राजेन्द्र जैन की अर्धांगिनीएवं उनकी अच्छी सलाहकार होने के साथ ही साथ ज्यो वास्तु की सह- निर्देशिका भी हैं| आप एक कुशल गृहणी, लेखिका, समाज सेविका एवं आचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महाराज जी की अनन्य भक्त हैं|

आप विज्ञान विषय में स्नातक (B.Sc in Pathology) एवं अनेक महत्वपूर्ण विषयों में डिप्लोमा है|

बचपन से ही धर्म के प्रति लगाव, मृदुस्वभाव, मधुर वाणी, संवेदनशील, तार्किक एवं कुशाग्र बुद्धि होने से नित्य नए प्रयोग करने में आपकी हमेशा से रूचि रही है| जीवन के प्रत्येक पहलू को सकारात्मक नजरिये से देखना आपका स्वभाव रहा है| सदैव खुश रहते हुए अन्य सभी को भी ख़ुश रखना आपका गुण हैं। इसी से आप सभी की प्रिय बन जाती हैं|

कर्म सिद्धांत के आधार पर आपने आत्मा एवं धर्म से जुड़े उन गूढ़ रहस्यों को खोज निकाला जिनसे व्यक्ति अपनी विशुद्धि को बढ़ा सकता है एवं जीवन में आने वाली परेशानियों के प्रभाव को क्षीण कर सकता है| कर्म सिद्धांत के इस दृष्टिकोण को आपने 'मिरेकल' नाम दिया है| 'मिरेकल' नामक इस प्रक्रिया से आपने जीवन के दुखों को दूर करने की एक कला समाज को प्रदान की है|

आपने वास्तु शास्त्र का गहन अध्ययन किया है एवं अल्केमी के 45 वास्तु देवता के बारे में आपविशिष्ट ज्ञान रखती हैं|

आप ज्योतिष विज्ञान की विशेषज्ञ है एवं कुंडली व्याख्या में आपको महारत हासिल है| साथ ही हस्तरेखा विज्ञान में भी आप निपुण है|

आप स्वर- विज्ञान की भी ज्ञाता है| आप स्वर- विज्ञान के द्वारा जीवन में सुख, शांति, समृद्धि एवं सकारात्मकता की वृद्धि का मार्ग बताती हैं| आप स्वर- विज्ञान का उपयोग आमजन की परेशानियों एवं अनेक प्रकार के रोगों के उपचार हेतु जन कल्याण में करती है|

आप वास्तु, ज्योतिष एवं स्वर- विज्ञान संबंधित सभी परामर्श श्री भद्रबाहु संहिता जी ग्रंथ, श्री विश्वकर्मा प्रकाश जी ग्रंथ, श्री ज्ञानार्णव जी ग्रन्थ, श्री सामुद्रिक शास्त्र इत्यादि मूल ग्रंथों में वर्णित तथ्यों के आधार पर देती हैं| इसी कारण आपको हमेशा शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त हुई हैं|

जहाँ चिकित्सा विज्ञान (Medical Science) विवश हो गया था, वहाँ आपने अपनी 'मिरेकल' प्रक्रिया के माध्यम से आत्मा की विशुद्धि बढ़वाकर अनेक मरीजों को पूर्ण स्वस्थ किया है|

इतनी विद्याओं में निपुण होने के साथ ही आप गृहस्थी एवं समाज सेवा के अपने मौलिक कर्तव्यों को भी पूर्ण निष्ठा से निभा रही हैं| यह कहा जाता हैं कि ‘प्रत्येक सफल व्यक्ति के पीछे जीवनसाथी का योगदान होता है', आपके जीवन से यह कथन पूर्णतः प्रमाणित होता है| गुरुजी डॉ. राजेंद्र जी जैन की सफलता के पीछे उनके प्रति आपका समर्पण, समन्वयएवं सहयोग ही है|

हमें गर्व है कि आप ज्यो वास्तु परिवार की सह- निर्देशिका है| आपका ध्येय वाक्य है,

'मिरेकल' आपके अपने एवं अपनों के जीवन में परिवर्तन ला कर जीवन को नई ऊँचाइयों में पहुंचाने की क्षमता रखता है|"

श्रीमती अंचल जैन 'मिरेकल'' , सह- निर्देशिका, ज्यो वास्तु